Everything about shiv chalisa lyrics in english

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

अर्थ- हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया।

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।

किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि here तुमहिं जुहारी ॥

अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

पण्डित त्रयोदशी को लावे । ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

Lord, in the event the ocean was churned along with the fatal poison emerged, out of your respective deep compassion for all, You drank the poison and saved the world from destruction. Your throat turned blue, Hence You are known as Nilakantha.

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